Sunday, May 3, 2009

ऐ काश !! यूँ होता!!

जिंदगी चिडियों सी,
चुलबुली होती!

दोस्ती कलियों सी,
अधखुली होती!

मोहब्बत मौजों सी,
मनचली होती!

शामें ग़ज़लों सी,
पगली होती!

महफिलें कभी ना,
ढली होती!

आँखें शबनम से,
मली होती!

जब तस्सवुरों की,
अदलाबदली होती !

नींद ख्वाबों में,
घुली होती!

सहर ख्यालों से,
धुली होती!

साँसे हर पल,
मचली होती!

धड़कन मद्धम सी,
चली होती!

हसरतें कभी ना,
जली होती!

ख्वाहिशें यूँ ना,
टली होती!

खुशियाँ हर सिम्त,
फैली होती!

ज़ज्बात की बर्फ,
पिंघली होती!

हर दुआ की,
कुबूली होती!

आरजुएँ बचपन सी,
पली होती!

दुनिया माँ सी,
भली होती!

ऐ काश !!
यूँ होता!!
यूँ होता तो क्या होता!!

-anKIta-

3 comments:

Anonymous said...

दुनिया माँ सी,
भली होती!
....ai kaash yun hi hota.....

!!अक्षय-मन!! said...

bahut khub.........
shabdon ko acche se piroya hai........
अक्षय-मन

Ankita said...

rajneesh aur akshay shukriya...